बादलों की धुन, बारिश की कविता

निर्जल मिट्टी पर छाए हुए नीले बादलों की कविता सुनकर, मानो सांसें में एक तेज़ ताजगी भर जाए। यह उत्साह एक रहस्यमय भावना से भरी होती है, जो गुप्त नमी के साथ आती है।

वृष्टि की यह कविता एक नम्र संगीत की तरह रची जाती है, जो मंजिल पर गूंजती है। पौधे भी इस संगीत का एक हिस्सा बनते हैं, जो अपनी छोटी-छोटी अंगुलियों से खुशी का प्रदर्शन करते हैं।

वह संगीत हमें याद दिलाती है कि जीवन में भी आवाज और रौनक का होना महत्वपूर्ण है, जो कभी भी फीका पड़ने से नहीं रुकती।

बारिश: एक अहसास, एक शायरी

बारिश, एक महान् घटना है। वह हमारी ज़िंदगी में हमें शांत करती है और हमें अपनी मज़बूती से मंत्रमुग्ध कर देती है। बारिश के साथ ही आता है एक अलग ही जीवन का अनुभव जो हमारे दिलों को छू लेता है।

  • उस हमें प्रकृति के साथ एक नज़दीकी संबंध महसूस कराती है।
  • बारिश की बूंदें जैसे एक प्रेम पत्र हैं, जो हमें अपनी महान्ता| की याद दिलाती हैं।
  • बारिश का संगीत एक शांत होता है जो हमारे मन को नवीनता से भर देता है

धरती पे नया जज़्बा बरसात की छवि

एक सुहावनी मौसम के बाद, धरती का चेहरा हरी दिखाई देता है। हर जगह एक नई श्रृंखला छा गई है। प्यासे पेड़ों और झाड़ियों की बात का सार अनहोनी कह रहा है? यह बरसात की छवि, एक आशाजनक कलाकृति है जो जीवन को प्रेरित देती है।

झिलमिलाते पसीने, प्यारी बारिश की शायरी

पानी की बूंदें झरनों से, गगन स्याही का वर्क.

धरती चाकली हो रही है, जमीन में गीत सुनाने लगे. गर्मी का {विजय{दिलहरपानी.

इस get more info भोले संगीत में, आत्मा मिल गया है।

दो लाइन में बरसात का माहौल

धूप सेंक रहा शहर फिर भी मौसम में बदलाव । नीला आसमान में उभरते हुए हल्के-हल्के बादल दिख रहे थे ।

कई पल में , एक तीव्र शोर नज़र आई । फिर बारिश की बूंदें आकाश से गिरने लगीं ।

आंधी के बाद जीवन रंगों में, बरसात की सुंदरता

एक बार देश में जोरदार आंधी आई। घर तोड़े गए और खेत को नुकसान पहुंचा। लोग डराए हुए होकर अपने घरों की तलाश में थे।

एक दिन/अगले दिन/दिन भर बाद, आकाश में एक नया रूप दिखाई दिया। हल्की/मीठी/नाजुक बूंदें गिरने लगीं। धीरे-धीरे, एक चमकदार बरसात का हुआ।

मिट्टी गीली होकर खिलखिलाई, और हरित रंग फिर से दिखाई दिया। पौधों ने अपना पुराना रूप धारण किया और एक रंग/उत्सव का माहौल बना। यह बरसात/आंधी के बाद/ये पल एक नई जीवन/शुरुआत/भावना की शुरुआत थी।

1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15

Comments on “बादलों की धुन, बारिश की कविता”

Leave a Reply

Gravatar